6 months baby food chart for indian in hindi


6 महीने के बच्चे को कब और क्या खिलाएं?

September 20, 2022 Ankita Mishra ankita mishra

द्वारा लिखित

Image: Shutterstock

6 महीने के शिशुओं के लिए आहार का चयन करना हर माता-पिता के लिए चिंता का विषय होता है। बच्चों को सॉलिड फूड शुरू करने से पहले उन्हें इससे जुड़ी पूरी जानकारी होना जरूरी होता है। माता-पिता की इस परेशानी को दूर करने के लिए हम मॉमजंक्शन का यह लेख लेकर आए हैं। यहां हम बताएंगे कि शिशुओं को ठोस आहार देने का सही समय क्या है। साथ ही इसकी शुरुआत कैसे करनी चाहिए और इस दौरान क्या सावधानियां बरतनी चाहिए। यही नहीं, लेख में आपको 6 महीने के शिशु के लिए डाइट चार्ट और मजेदार रेसिपी के बारे में भी जानने को मिलेगा।

लेख की शुरुआत हम शिशु को ठोस आहार देने की उम्र से करेंगे।

शिशु को ठोस आहार कब से देना शुरू करें?

एनसीबीआई (नेशनल सेंटर ऑफ बायोटेक्नोलॉजी इनफार्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के मुताबिक, जन्म से लेकर 6 महीने तक शिशु को केवल स्तनपान कराने की सलाह दी जाती है। वहीं, 6 महीने की उम्र के बाद शिशुओं को ठोस खाद्य पदार्थों का सेवन कराया जा सकता है (1)। दरअसल, 6 महीने की उम्र के बाद शिशु के विकास के लिए मां का दूध पर्याप्त नहीं होता है। इसलिए, शिशुओं को 6 महीने के बाद ठोस आहार देने की सलाह दी जाती है (2)।

वहीं, अगर शिशुओं को 6 महीने की उम्र से पहले कोई ठोस आहार खिलाया जाए, तो इससे उनमें आइलेट ऑटोइम्यूनिटी, जो मधुमेह का कारण बन सकती है, मोटापा, सीलिएक रोग और एक्जिमा जैसी समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है। इसके अलावा, अगर शिशुओं को देरी से ठोस आहार खिलाया गया, तो आगे चलकर उसे खाने से संबंधित परेशानी हो सकती है या फिर इसका असर उसके शारीरिक विकास पर पड़ सकता है (1)। इसलिए जरूरी है कि सही समय पर शिशुओं को ठोस आहार दिया जाए।

लेख में आगे जानते हैं कि 6 महीने के बच्चे को क्या खिलाया जा सकता है।

6 महीने के बच्चे को क्या खिलाना चाहिए?

आमतौर पर 6 महीने के शिशुओं को केवल मैश्ड फूड, प्यूरी या फिर सेमी सॉलिड फूड का सेवन कराने की सलाह दी जाती है। वहीं, 8 महीने की उम्र के बाद उन्हें फिंगर फूड खिलाने की सलाह दी जाती है  (2)।

6 महीने के शिशुओं को निम्नलिखित चीजों का सेवन कराया जा सकता है (3):

  • पकी हुई सब्जियां, जैसे – गाजर, पार्सनिप, आलू, शकरकंद, तोरी, फूलगोभी और ब्रोकली
  • स्तन या फार्मूला दूध के साथ मिलाकर, चावल, मक्का, बाजरा
  • नरम और पके फलों की प्यूरी, जैसे – केला, नाशपाती, कीवी, सेब
  • बीन्स और दाल
  • लाल मांस
  • मछली, जैसे- सार्डिन, टूना और पायलचर्ड
  • आयरन युक्त अनाज, जो मीठा न हो
  • दही, दूध, और दूध से बने उत्पाद

नोट : लेख में बताए गए आहार को अच्छे से मैश करें या फिर उसकी प्यूरी बनाकर ही 6 महीने के शिशुओं को खिलाएं।

8 माह होने के बाद शिशु को नीचे दिए गए खाद्य पदार्थों का सेवन कराया जा सकता है (3)

  • मुलायम फलों के टुकड़े, जैसे – खरबूजा, केला, पका हुआ नाशपाती, आड़ू और कीवी
  • पकी हुई सब्जियों को पतला और लंबा-लंबा काटकर, जैसे – गाजर, हरी बीन्स, तोरी, आलू और शकरकंद
  • कुछ पकी हुई सब्जियों के टुकड़े, जैसे – फूलगोभी और ब्रोकली
  • पास्ता अच्छी तरह से पका कर
  • ब्रेड का मुलायम वाला हिस्सा
  • पनीर के टुकड़े

लेख के इस हिस्से में 6 माह के शिशु के लिए आहार की मात्रा जानिए।

6  माह के शिशु को कितनी मात्रा में खाना देना चाहिए?

6 महीने के शिशु के भोजन की मात्रा उसके पेट की क्षमता या आकार पर निर्भर करती है, जो आमतौर पर बच्चे के शरीर के वजन का 30 मिली प्रति किलो होता है। उदाहरण के लिए अगर किसी बच्चे का वजन 8 किलो है, तो उसके पेट की क्षमता 240 मिली होगी यानी लगभग एक बड़ा कप (2)।

वहीं, ऊर्जा के अनुसार बात करें तो 6 महीने के शिशु को एक दिन में 200 किलो कैलोरी ऊर्जा की जरूरत होती है। इस आधार पर उसे दिन में कम से कम 2 से 3 बार भोजन कराना चाहिए। वहीं, इसकी शुरुआत 2 या 3 चम्मच से करनी चाहिए (2)।

शिशुओं को दी जाने वाली आहार की मात्रा जानने के बाद फीडिंग से जुड़े कुछ टिप्स जान लीजिए।

शिशु को ठोस आहार शुरू करने के लिए टिप्स

यहां हम कुछ ऐसे ही टिप्स बता रहे हैं, जो शिशु को ठोस आहार शुरू करने में मददगार हो सकते हैं (4) (5):

  • बच्चे को एक बार में केवल एक ही प्रकार का खाना देने की कोशिश करें। इससे यह समझने में आसानी होगी कि बच्चे को उस भोजन से किसी प्रकार की खाद्य एलर्जी तो नहीं है।
  • इसके अलावा, बच्चे को नए भोजन खिलाने के बीच 3 से 5 दिनों तक प्रतीक्षा करें।
  • दूध, अंडा, मछली, सेलफिश, नट्स, मूंगफली, गेहूं और सोयाबीन, इन सब की गिनती एलर्जी वाले खाद्य पदार्थों में की जाती है। ऐसे में बच्चों को इसका सेवन करने से पहले एक बार डॉक्टरी सलाह जरूर लें। खासकर अगर परिवार में किसी को इन खाद्य पदार्थों से एलर्जी है, तो शिशुओं को इसका सेवन न कराएं।
  • बच्चों को खिलाने के लिए आहार का चुनाव हमेशा उनकी उम्र को ध्यान में रख कर करें।
  • शिशुओं को हमेशा कुछ नया खिलाने का ट्राई करें। इससे बच्चे को खाना चबाने और निगलने की प्रक्रिया सीखने में मदद मिलेगी।
  • बच्चों को खिलाने के लिए हमेशा छोटी चम्मच या बर्तन का इस्तेमाल करें।
  • बच्चे को कभी भी एक बार में सारा भोजन खिलाने की कोशिश न करें। उसे उतना ही खिलाएं, जितनी उसकी इच्छा हो।
  • शिशुओं को गर्म खाना खिलाने से पहले एक बार सुनिश्चित कर लें कि कहीं खाना अधिक गर्म तो नहीं है।
  • शुरुआत में शिशु को दिन भर में एक बार भोजन कराएं। इसके बाद धीरे-धीरे बच्चे को तीन बार तक खाना खिलाने की आदत डालें।

यहां जानें 6 महीने के शिशु का आहार चार्ट कैसा होना चाहिए।

6 माह के शिशु का आहार चार्ट-| Food chart for 6 month old baby

यहां हम 6 महीने के शिशु के लिए डाइट चार्ट का एक नमूना पेश कर रहे हैं (5) :

समयआहार
सुबह उठते हीब्रेस्ट मिल्क या फॉर्मूला मिल्क
7:30 से 8 amब्रेस्ट मिल्क या फॉर्मूला मिल्क और आयरन युक्त भोजन
10:30 से 11:30pmब्रेस्ट मिल्क या फॉर्मूला मिल्क और आयरन युक्त भोजन
12. 30 से 1.30ब्रेस्ट मिल्क या फॉर्मूला मिल्क
3.00 से 4 pmब्रेस्ट मिल्क या फॉर्मूला मिल्क और आयरन युक्त भोजन
5.30 से 6.30ब्रेस्ट मिल्क या फॉर्मूला मिल्क
7.30 से 8.00 pmब्रेस्ट मिल्क या फॉर्मूला मिल्क

डाइट चार्ट जानने के बाद शिशु के लिए कुछ मजेदार रेसिपी जानिए।

6 माह के शिशु के लिए उपयुक्त 6 रेसिपी | 6 month baby food recipes in hindi

6 महीने के शिशु के लिए यहां हम कुछ लाजवाब रेसिपी बता रहे हैं, जो उनके लिए स्वादिष्ट होने के साथ-साथ पौष्टिक भी मानी जाती हैं।

1. कद्दू की प्यूरी

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सामग्री :

  • आधा कप कटा हुआ मीठा कद्दू
  • एक कप पानी

बनाने की विधि :

  • कद्दू की प्यूरी बनाने के लिए सबसे पहले कद्दू को धो लें। फिर उसके छिलके को निकालकर अलग कर लें।
  • अब, छिले हुए कद्दू को छोटे टुकड़ों में काट लें और मिक्सी में डालकर पानी के साथ अच्छी तरह से ब्लेंड कर लें।
  • कद्दू जब अच्छी तरह से ब्लेंड हो जाए, तो एक पैन गैस पर चढ़ाएं और उसमें पिसे हुए कद्दू को डालकर पकाएं।
  • पकने के बाद इसे एक बाउल में निकाल लें। इस तरह तैयार हो जाएगी शिशुओं के लिए कद्दू की प्यूरी।

2.

केले की प्यूरी

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सामग्री :

  • आधा केला
  • आधा कप दूध  (पाश्चुरीकृत या फिर ब्रेस्ट मिल्क)

बनाने की विधि :

  • सबसे पहले केले को छील लें।
  • एक बाउल में इसे अच्छी तरह से मैश कर लें।
  • इसके बाद इसमें दूध मिलाएं। अगर यह मिश्रण मोटा लग रहा हो, तो इसमें हल्का पानी भी मिला सकते हैं।
  • इस तरह मिनटों में तैयार हो जाएगी बच्चों के लिए केले की प्यूरी।

3. मूंग दाल सूप

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सामग्री :

  • 3 से 4 चम्मच मूंग दाल
  • पानी – एक कप

बनाने की विधि :

  • सबसे पहले मूंग दाल को अच्छी तरह से धोकर साफ कर लें।
  • इसके बाद इसे एक कुकर में डालकर दो से तीन सीटी आने तक पकने दें।
  • मूंग दाल जब अच्छी तरह से पक जाए, तो इसे मिक्सी में डालकर ब्लेंड कर लें।
  • इसके बाद एक पैन गैस पर चढ़ाएं और उसमें पिसी हुई मूंग दाल को डालकर एक मिनट तक फिर से पकाएं।
  • अब बच्चों के लिए बनाए गए सूप को एक बाउल में डालें और हल्का ठंडा होने बच्चे को खिलाएं।

4.

हरी बीन्स की प्यूरी

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सामग्री :

  • 3 से 4 चम्मच हरी बीन्स
  • एक कप पानी

बनाने की विधि :

  • बीन्स की प्यूरी बनाने के लिए सबसे पहले बीन्स लगभग 15 मिनट के लिए उबाल लें।
  • इसके बाद उबले हुए बीन्स को ब्लेंडर में अच्छे से ब्लेंड कर लें।
  • फिर इसे एक बाउल में निकाल लें। इस तरह तैयार हो जाएगी हरी बीन्स की प्यूरी।

5. मटर की प्यूरी

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सामग्री :

  • 3 से 4 चम्मच मटर
  • दूध – आधा कप (पाश्चुरीकृत या फिर ब्रेस्ट मिल्क)

बनाने की विधि :

  • सबसे पहले मटर को उबाल लें।
  • इसके बाद इसे पानी से निकाल कर ब्लेंडर में ब्लेंड कर लें।
  • फिर इसमें दूध मिलाएं और एक बार फिर से ब्लेंड करें।
  • अब इस मिश्रण को एक बाउल में निकाल कर बच्चे को सर्व करें।

6.

उबले शकरकंद की प्यूरी

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सामग्री :

  • शकरकंद – एक (मध्यम आकार का)
  • पानी – एक कप

बनाने की विधि :

  • सबसे पहले शकरकंद को उबाल लें।
  • इसके बाद इसे छीलकर ब्लेंडर में डालें।
  • फिल इसमें पानी मिलाएं और दोनों को अच्छी तरह से ब्लेंड कर लें।
  • इस तरह तैयार हो जाएगी शिशुओं के लिए शकरकंद की प्यूरी।

लेख के अंत में जानें शिशु का आहार बनाते समय किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।

6 महीने का शिशु का आहार बनाते और देते वक्त सावधानियां

शिशुओं को पहली बार जब भोजन कराया जाता है, तो उस समय कुछ खास बातों का ख्याल रखना जरूरी है, जो इस प्रकार है (6) (7):

  • शिशुओं के लिए आहार बनाते समय और खिलाते समय अपने हाथों को अच्छी तरह से धोएं।
  • इसके अलावा, बच्चों को दी जाने वाले फलों और सब्जियों को भी अच्छी तरह साफ करें।
  • कच्चे मांस मछलियों को शिशु के भोजन से अलग रखें।
  • छोटे बच्चों को भोजन देने से पहले यह सुनिश्चित करें की वह अच्छी तरह से पका है या नहीं।
  • शिशुओं को मांस मछली देने से पहले उसमें से हड्डियों और कांटों को अच्छी तरह से निकाल लें।
  • एक साल से पहले शिशुओं को शहद का सेवन न कराएं। इसमें बैक्टीरिया हो सकते हैं, जो बोटुलिज्म का कारण बन सकते हैं। बता दें कि बोटुलिज्म एक दुर्लभ, लेकिन गंभीर बीमारी होती है।
  • इसके अलावा, एक साल की उम्र से पहले बच्चों को गाय का दूध भी न दें। एक साल से कम उम्र के बच्चे इसे अच्छी तरह नहीं पचा पाते हैं।
  • डॉक्टर की सलाह लिए बिना शिशुओं को बोतल में भोजन डालकर न खिलाएं।
  • बच्चा जब भूखा हो तभी उसे खाना खिलाएं।
  • बच्चे के भोजन को एक से दूसरे समय इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर इसके बाद भी खाना बच जाता है, तो उसे फिर से बच्चे को खाने के लिए नहीं दें।
  • 8 महीने की उम्र से पहले कभी भी शिशुओं को फिंगर फूड का सेवन न कराएं।

जन्म से लेकर 6 महीने तक मां का दूध ही शिशु के लिए संपूर्ण आहार माना जाता है। वहीं, 6 महीने के बाद उसे ठोस आहार खिलाने की आवश्यकता होती है। इस लेख को पढ़ने के बाद अब आपको 6 महीने के शिशुओं को दिए जाने वाले आहार के बारे में जानकारी मिल गई होगी। इसके अलावा, हमने यहां शिशुओं को आहार देने की शुरुआत कैसे करें, इससे जुड़े टिप्स भी बताए हैं।  साथ ही यहां मजेदार व्यंजनों की रेसिपी भी बताई गई हैं। हम उम्मीद करते हैं कि हमारा यह लेख शिशुओं के लिए आहार का चुनाव करने में आपकी मदद करेगा।

References:

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  1. Introduction of Solid Food to Young Infants
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3195680/
  2. Complementary feeding
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK148957/
  3. Complementary Feeding for Infants 6 to 12 months
    https://www.researchgate.net/publication/43180222_Complementary_Feeding_for_Infants_6_to_12_months
  4. When What and How to Introduce Solid Foods
    https://www.cdc.gov/nutrition/infantandtoddlernutrition/foods-and-drinks/when-to-introduce-solid-foods.html
  5. Feeding Your Baby 6 months to 1 year
    https://www.gov.mb.ca/healthychild/healthybaby/hb_solidfoods.pdf
  6. Baby’s first foods From birth to 12 months
    https://www.childrens.health.qld.gov.au/wp-content/uploads/PDF/pomin/babys-first-foods-flipchart. pdf
  7. Feeding patterns and diet – children 6 months to 2 years
    https://medlineplus.gov/ency/patientinstructions/000713.htm

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    6 month baby diet chart in hindi, कुछ ऐसा होना चाहिए 6 महीने के शिशु का हफ्तेभर का डाइट चार्ट, हेल्‍दी और हष्‍ट-पुष्‍ट रहेगा बच्‍चा - 6 months baby diet chart

    Parul Rohatagi | Navbharat Times | Updated: Feb 4, 2022, 11:20 AM

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    6 महीने के बाद शिशु ठोस आहार खाना शुरू करता है लेकिन इससे पहले वो सिर्फ मां का दूध या फॉर्मूला मिल्‍क ही पीता है। हालांकि, छठे महीने में भी आप शिशु को कुछ फल खिला सकती हैं। इस आर्टिकल में हम आपको बता रहे हैं कि 6 महीने के बेबी को आपको हफ्तेभर क्‍या खिलाना चाहिए।

     

    कुछ ऐसा होना चाहिए 6 महीने के शिशु का हफ्तेभर का डाइट चार्ट, हेल्‍दी और हष्‍ट-पुष्‍ट रहेगा बच्‍चाशिशु के 6 महीने के होने का मतलब है कि अब उसका शरीर पहले से काफाी मजबूत हो चुका है। जन्‍म के बाद पहले 6 महीनों में शिशु को मां के दूध से ही सारा पोषण मिलता है और इसके बाद शिशु ठोस आहार खाना शुरू करता है।

    अगर आपका बेबी भी 6 महीने का हो गया है या होने वाला है, तो आपके लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि अब आपको उसे किस तरह की डाइट देनी चाहिए। यहां हम आपको 6 महीने के शिशु के लिए हफ्तेभर का डाइट चार्ट बता रहे हैं।

    सोमवार का डाइट चार्ट

    इस दिन सुबह शिशु को स्‍तनपान करवाएं या फॉर्मूला मिल्‍क पिलाएं। इसके बाद नाश्‍ते में बच्‍चे को मैश किया हुआ सेब खिलाएं। इसके कुछ देर बाद स्‍तनपान करवाएं या फॉर्मूला मिल्‍क पिलाएं। लंच में और शाम को भी आपको शिशु को यही देना है। डिनर में भी 6 महीने के बेबी को स्‍तनपान करवाएं या फॉर्मूला मिल्‍क पिलाएं।

    अब आगे जानिए कि हफ्ते के बाकी के दिनों में 6 महीने के शिशु को क्‍या-क्‍या दे सकते हैं।

    ​मंगलवार का आहार

    सुबह बच्‍चे को मां का दूध या फॉर्मूला मिल्‍क देना है। फिर नाश्‍ते में केला मैश कर के खिलाएं। इसके कुछ देर बाद बेबी को ब्रेस्‍ट मिल्‍क या फॉर्मूला मिल्‍क दें। लंच, शाम को और डिनर में भी आपको ब्रेस्‍ट मिल्‍क या फॉर्मूला मिल्‍क ही देना है।

    फोटो साभार : istock

    ​बुधवार का भोजन चार्ट

    सुबह बच्‍चे को मां का दूध या फॉर्मूला मिल्‍क पिलाएं। नाश्‍ते में मैश किया हुआ सेब खिलाएं। इसके थोड़ी देर बाद शिशु को मां का दूध या फॉर्मूला मिल्‍क दें। लंच, शाम को और डिनर में भी आपको ब्रेस्‍टफीडिंग करवानी है या फॉर्मूला मिल्‍क ही देना है।

    फोटो साभार : istock

    ​बृहस्‍पतिवार का खाना

    आज दिन की शुरुआत ब्रेस्‍ट मिल्‍क या फॉर्मूला मिल्‍क से ही करनी है। इसके बाद बेबी को नाश्‍ते में मैश किया हुआ सेब खिलाएं। फिर थोड़ी देर बाद उसे दूध पिलाएं। लंच में बेबी को मूंग दाल का सूप पिलाएं। शाम और रात को डिनर में बच्‍चे को मां के दूध के साथ फॉर्मूला मिल्‍क पिलाएं।

    फोटो साभार : istock

    ​शुक्रवार का आहार चार्ट

    सुबह सबसे पहले शिशु को ब्रेस्‍ट मिल्‍क या फॉर्मूला मिल्‍क पिलाएं। इसके बाद बेबी को नाश्‍ते में मैश किया हुआ आलू खिलाएं। फिर थोड़ी देर बाद उसे ब्रेस्‍टफीडिंग करवाएं। लंच में बेबी को मूंग दाल का सूप पिलाएं। शाम और रात को डिनर में बच्‍चे को मां के दूध के साथ फॉर्मूला मिल्‍क पिलाएं।

    फोटो साभार : istock

    ​शनिवार का खाना

    6 महीने के शिशु के लिए आहार का प्रमुख स्रोत मां का दूध ही होता है इसलिए आप बच्‍चे को सुबह सबसे पहले अपना दूध ही पिलाएं। आप उसे फॉर्मूला मिल्‍क भी पिला सकती हैं। इसके कुछ देर बार नाश्‍ते में बच्‍चे को मैश कर के सेब खिलाएं। फिर थोड़ी देर के बाद बच्‍चे को दूध पिलाएं। लंच में बेबी को मूंग दाल सूप पिलाना है और फिर शाम के साथ-साथ रात को भी बच्‍चे को दूध पिलाना है।

    फोटो साभार : istock

    ​रविवार का आहार

    आज बच्‍चे को सुबह ब्रेस्‍टफीडिंग करवाएं या फॉर्मूला मिल्‍क दें। इसके बाद नाश्‍ते में मैश किया हुआ नाशपाती खिलाएं। इसके कुछ देर बाद ब्रेस्‍ट मिल्‍क या फॉर्मूला मिल्‍क दें। अब लंच में बेबी को दाल-पालक का सूप पिलाएं और फिर शाम एवं रात को ब्रेस्‍ट मिल्‍क या फॉर्मूला मिल्‍क दें।

    फोटो साभार : istock

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    diet for a 6-month-old baby with breast and artificial feeding, an approximate menu for a week in the table, a diet for a day

    Published: 02/10/2021

    Reading time: 4 min.

    Number of reads: 183191

    Author of the article: Ponomareva Yulia Vladimirovna

    Pediatrician, candidate of medical sciences, allergist-immunologist

    Changes in a child in the first year of life are very rapid, and each month is not like another. The 6-month milestone is very important, it is largely evaluative and transitional. By this age, most babies have doubled their birth weight, are about 15 cm tall, and some babies have already erupted their teeth. The age of 6 months is also transitional in terms of nutrition. Breast milk or an adapted formula is still the basis of the diet, but with the beginning of the second half of life, all children, without exception, should begin to receive complementary foods. Despite the general graph of growth and weight gain and indicators of psychomotor development, the status and diet of children at 6 months can be very different.

    Content: Hide

    1. The first feeding of 6 months
    2. The start of complementary foods at 4-5 months
    3. The second half of life
    4. for a week for a child at 6 months

    The first feeding of 6 months

    If the baby is healthy and breastfed, and his mother eats a full and varied diet, exclusive breastfeeding is possible until this age. Cereal complementary foods in this case are preferable to start. This is due to the high energy and nutritional value of cereals, the ability to significantly enrich the baby's diet with a delayed start of the introduction of complementary foods.


    However, the rate of expansion of the child's diet in this situation will be accelerated. Before the 8th month of life, it is necessary to introduce all basic food groups into the baby’s menu, since in the second half of the year the need for additional intake of nutrients and micronutrients is very high. Another reason explaining the importance of the rapid introduction of complementary foods is the formation of immunity of the immune cells of the intestine to ordinary food. If a child is introduced to these foods at the age of 4-8 months, the risk of developing food allergies has been proven to be reduced.

    Complementary feeding starts at 4-5 months

    In today's life, the nutrition of a nursing mother, unfortunately, is not always complete. Therefore, for most breastfed babies, complementary foods already need to be introduced from 5 months in order to prevent deficient conditions.

    If a child is bottle-fed, then by the 4th month of life, the baby will not have enough adapted formula alone, and in this group of children, the timing of the introduction of complementary foods usually shifts a month earlier than in breast-fed babies. Accordingly, by 6 months, children will have vegetable puree and gluten-free porridge (buckwheat, corn and rice) in their diet. In the first half of life, monocomponent meals are used (that is, from one type of grain and vegetables), prepared on the basis of water, breast milk or an adapted mixture.

    Fruit puree and juice can be another possible complementary food for children under 6 months of age without allergy symptoms. In a child with a risk of developing or manifesting allergies, the timing of the introduction of fruit complementary foods is shifted to the 8th month.


    Second six months of life

    Children over 6 months of age can supplement their diet with cereals containing gluten. First of all, these are oatmeal and wheat porridge, and then multi-cereal dishes with the addition of other cereals (millet, barley, rye). If the child does not have any manifestations of allergies, milk porridge can be included in the menu at this age. Bebi Premium industrial baby food products include specially prepared milk that is safe to use in healthy babies in the first year of life.

    From the age of 6 months, the baby's diet is expanded with such important products as meat and cottage cheese. These products are a source of high-quality protein, fats, and are also rich in minerals such as iron, calcium, and phosphorus. Pediatricians and nutritionists recommend introducing meat and cottage cheese as part of combined dishes based on a fruit and vegetable and / or grain component in a ratio of 1 (cottage cheese / meat): 4–5 (fruits / vegetables / cereals).

    To enrich the diet with polyunsaturated fatty acids in the second half of the year, the menu includes vegetable oil in the amount of 3–5 grams per day, which can be added to the complementary food dish. The volume of each feeding is approximately 150-170 ml, and the child can already stand up to 3.5 hours between meals.

    In the table below, we offer a menu of 6 months for a week for a child who started receiving complementary foods at the age of 4-5 months, and by the time the second half of life begins, dairy-free gluten-free cereals, vegetable and fruit purees have already been introduced into his diet.

    1st day

    0065 50
    Seeing
    Lunch (12. 30) vegetable soup with beef, olive oil 100/30/3
    compot of drocked 9006, 9006 9
    Afternoon snack (16.00) Plum puree with cottage cheese 60/40
    Breast milk/formula 60 062
    food reception menu ml/g
    Early morning breast milk/mixture 150
    Milki & Bashas Breakfast (09 cherry Bebi Premium» 100
    0065 Breast milk/mixture 150
    children's soluble cookies "BEBIKI" Classic
    GRUSHERS with rice and Claus GRUSHIOUS WITH RISE and CRETURE 30
    Bebi Premium Kids Instant Herbal Tea 50
    Bedtime 065 Breast milk/formula 150

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